कंप्यूटर में जब नए तकनीकी परिवर्तन(vacuum tube,transistors and microprocessor) हुए तो कंप्यूटर पीढ़ियां(computer generation in hindi) भी बदलती चली गई।
1940 से लेकर अभी तक 5 generation of computer है जो कि आपको नीचे एक-एक करके समझाएं गए हैं।
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर-computer generation in hindi
1946-1959 यह पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की अवधि है। J.P.Eckert और J.W. Mauchy ने ENIAC नामक पहला सफल इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का आविष्कार किया था, ENIAC का अर्थ इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिक इंटीग्रेटेड एंड कैलकुलेटर(Electronic Numeric Integrated And Calculator) है।
पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों के उदाहरणों में ENIAC, EDVAC, UNIVAC, IBM-701 और IBM-650 शामिल हैं। ये कंप्यूटर बड़े और बहुत अविश्वसनीय थे। यह कंप्यूटर से बड़े होने के कारण बहुत गर्म होते थे जिसके कारण बार-बार बंद हो जाते थे और केवल बहुत बुनियादी गणनाओं के लिए उपयोग किया जा सकता था।
पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों में टेक्नोलॉजी के एक प्रमुख टुकड़े के रूप में vacuum tubes का उपयोग किया जाता था । 1940 से 1956 के बीच तक कंप्यूटर में vacuum tubes का व्यापक रूप से उपयोग किया गया।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर- Second generation computer
second generation के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता था जो सस्ती होने के साथ-साथ कम बिजली खपत और आकार में अधिक कॉन्पैक्ट थी। ट्रांजिस्टर का उपयोग करने वाला पहला कंप्यूटर TX-0 था, और इसे 1956 में पेश किया गया था। ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल करने वाले अन्य कंप्यूटरों में IBM 7070, Philco Transac S-1000 और RCA 501 शामिल हैं।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर वेक्यूम ट्यूब से बने पहली पीढ़ी के कंप्यूटर से ज्यादा विश्वसनीय और तेजी से काम करती। इन कंप्यूटरों में Assembly or assembler language का use किया गया।
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर- Third generation computer
तीसरी पीढ़ी का कंप्यूटर जिनकी अवधि 1965 से 1971 तक थी । तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर ट्रांजिस्टर की जगह Integrated Circuits (ICs) का उपयोग करते। एक IC में associated circuitry के साथ कई transistors, resistors, and capacitors होते हैं। कंप्यूटरों में IC का उपयोग करने से दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों की तुलना में कंप्यूटरों के आकार को कम करने में मदद मिली, साथ ही साथ उन्हें तेज भी बनाया।
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर दोनों पीढ़ियों के कंप्यूटर के मामले कम ऊर्जा खर्च करते, साथ ही बेहतर गति और नैनो सेकंड में डाटा की गणना कर सकते थे head discharge नुकसान को रोकने के लिए fan का उपयोग किया जाता। इसके रखरखाव में कम पैसे खर्च करने पड़ते।
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर-Fourth generation computer
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर 1971 से 1980 के बीच थे चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर अपने कंप्यूटरों में VLSI technology या Very Large Scale Integrated (VLSI) circuits technology का उपयोग किया करते थे इसलिए इन्हें माइक्रोप्रोसेसर के नाम से भी जाना जाता था।
Intel पहली कंपनी थी जिसने माइक्रोप्रोसेसर को डिवेलप किया था।
इसने एक ही समय में कंप्यूटर का आकार और कीमत कम कर दी, जिससे शक्ति, दक्षता और विश्वसनीयता बढ़ गई। 1971 में विकसित इंटेल 4004 चिप ने एकीकृत सर्किट को एक छोटे चिप पर कंप्यूटर के सभी घटकों (केंद्रीय प्रसंस्करण इकाई, मेमोरी और इनपुट / आउटपुट कंट्रोल) को रखकर एक कदम आगे बढ़ाया।
अगर हम चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के विशेषताओं के बारे में बात करें तो सबसे बड़ी विशेषता इसकी अकार थी जो microprocessor technology / VLSI के कारण संभव हुआ।
- सस्ते दामों में उपलब्ध.
- आकार में छोटे.
- किसी भी प्रकार के व्यक्ति के लिए उपलब्ध.
- Basic computer knowledge.
- कोई air conditioning की जरूरत नहीं.
- Commercial Production.
computer generation in hindi – पांचवी पीढ़ी कंप्यूटर
पांचवी पीढ़ी की अवधि 1980 से लेकर अभी तक चल रही है। पांचवी पीढ़ी में VLSI technology को विकसित कर ULSI (Ultra Large Scale Integration) technology मे चेंज कर दिया गया है।
artificial intelligence(AI) कंप्यूटर अभी विकास में है लेकिन हमें कुछ आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी देखने को मिल रही है और इसका उपयोग भी आजकल लोग कर रहे हैं जैसे गूगल में voice search.
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटरों ने अभी एआई टेक्नोलॉजी का उपयोग करना शुरू किया है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अभी अपने शुरुआती स्तर पर है और उम्मीद है कि आने वाले समय में यह हमारे टेक्नोलॉजी को और एडवांस बनाने में मदद करेगा।
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