MP Full Form: MP के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे, हमारे देश का हर बच्चा राजनीति से वाकिफ है, तो उन्होंने कभी ना कभी MP के बारे में जरूर सुना होगा? और अगर आप एक छात्र हैं तो आपको MP के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है । लेकिन ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें नाही एमपी का फुल फॉर्म पता है और ना ही एमपी के बारे में सही जानकारी है ।
इसलिए आज हम आपको इस लेख में एमपी के बारे में सारी जानकारी देंगे, एमपी क्या है? एमपी का कार्यकाल, एमपी बनने के लिए योग्यता और एमपी के पास कौन-कौन सी पावर होती है इन सभी के बारे में आपको इस पोस्ट में पढ़ने को मिलेगा तो कृपया लास्ट तक पढ़ें :-
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MP Full Form: एमपी का फुल फॉर्म क्या होता है?
Full Form of MP – Member of Parliament
Full Form of MP in Hindi – संसद का सदस्य
संसद का सदस्य सांसद के निर्वाचक मंडल का प्रतिनिधि होता है। निचले सदन के सदस्य विशेष रूप से इसी श्रेणी में आते हैं। बता दें कि सांसद भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा में व्यस्क मताधिकार का प्रतिनिधि होता है, प्रत्येक चुनाव में लोकसभा के सदस्य वयस्क मताधिकार के आधार पर चुने जाते हैं। साथ ही, भारतीय संसद में दो कक्ष होते हैं। राज्यसभा और लोकसभा ।
MP क्या होता है ?
वही व्यक्ति जिसे राज्यसभा और लोकसभा में और इन दोनों सदनों में बैठने का अधिकार होता है, उसे संसद का सदस्य (member of parliament ) कहा जाता है। संसद में चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से, प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार का चुनाव किया जाता है और इसे संसद कहा जाता है। संविधान के अनुसार कानून बनाने और देश को आगे बढ़ाने के लिए संसद होती है, और प्रधान मंत्री का चुनाव बहुमत के आधार पर सांसदों द्वारा ही होता है।
MP का कार्यकाल
लोकसभा के मेंबर ऑफ पार्लियामेंट का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, उसके बाद भी यदि वह अगर लोगों द्वारा दोबारा से चुना जाता है, तो वह पुनः मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बन सकता है। संसद के राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। राज्यसभा संसद के सदस्य को भी फिर से निर्वाचित किया जा सकता है।
MP बनने के लिए योग्यता
- संसद का सदस्य बनने के लिए व्यक्ति को भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है.
- लोकसभा का Member बनने के लिए आयु कम से कम 25 वर्ष होनी चाहिए.
- राज्यसभा का सदस्य के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए।
- लोकसभा सदस्य के लिए उम्मीदवार का किसी भी राज्य की मतदाता सूची में नाम होना चाहिए ।
- Lok Sabha Member के लिए उम्मीदवार का कोई भी अपराधिक दोष नहीं होना चाहिए।
MP की अन्य शक्तियां (Powers of MP)
- राज्य विधानमंडल का निर्माण या समाप्ति
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा और उसके उपाय पर काम करना
- संविधान की सातवीं अनुसूची में, केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियाँ संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में निहित हैं। संघ सूची या समवर्ती सूची में शामिल किसी भी विषय पर केंद्र कानून बना सकता है। समवर्ती सूची में सूचीबद्ध किसी मामले पर संसद राज्य के कानून को ओवरराइड कर सकती है। इन शक्तियों के अतिरिक्त, संसद के पास और भी पावर होती है।
- आपातकालीन स्थिति लगाना
- अपना क्षेत्रफल बढ़ाना या घटाना या उसका नाम बदलना, राज्य की सीमाओं को बदलना
- शक्तियाँ जिन्हें समय-समय पर जोड़ा जा सकता है, संविधान का अनुच्छेद 245 यह घोषणा करता है कि संसद भारत के पूरे क्षेत्र या उसके हिस्से के लिए कानून बना सकती है और एक राज्य विधानमंडल पूरे या राज्य के हिस्से के लिए कानून बना सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न : MP Full Form
MP के लिए कार्यालय की न्यूनतम अवधि क्या है?
MP के कार्यालय 5 वर्ष है।
Member Of Parliament को हिंदी में क्या कहते हैं?
हिन्दी में Member Of Parliament को सांसद कहते हैं।
MP बनने के लिए न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए?
MP बनने के लिए आपकी आयु कम से कम 25 वर्ष होनी चाहिए।
क्या एक ही व्यक्ति एक से अधिक बार संसद का सदस्य हो सकता है?
हाँ, एक व्यक्ति एक से अधिक बार संसद का सदस्य हो सकता है यदि लोग उसे पुनः चुनते हैं तो ।
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